कबूतर की बीट बन सकती है गंभीर संक्रमण का कारण, जानिए क्यों जरूरी है सावधान रहना
कबूतर को दाना डालना न सिर्फ अच्छा माना जाता है, बल्कि यह आपकी मानसिक सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कबूतर की बीट आपके फेफड़ों और श्वसन पथ के लिए गंभीर संक्रमण का कारण बन सकती है? इसलिए, इस पर ध्यान देना और सावधान रहना बेहद जरूरी है।
कबूतर के बीट से स्वास्थ्य पर प्रभाव
हाल के वर्षों में, कबूतरों के संपर्क से जुड़ी श्वसन समस्याओं में 10-15% की वृद्धि हुई है। कबूतर के बीट से संक्रमण के मामलों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। यह संक्रमण न केवल कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए खतरे का कारण बन सकता है, बल्कि यह अस्थमा और अन्य श्वसन रोगों के लिए भी जोखिम उत्पन्न कर सकता है।
प्रमुख संक्रमण:
- क्रिप्टोकोकोसिस
- हिस्टोप्लाज्मोसिस
- सिटाकोसिस
कबूतर के बीट से होने वाले संक्रमणकबूतर का मल और मूत्र साफ करते समय जो धूल बनती है, उसमें सांस लेने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं कबूतर के बीट से होने वाली प्रमुख बीमारियों के बारे में:
- क्रिप्टोकॉकोसिस: यह एक गंभीर फंगल संक्रमण है जो अक्सर कबूतर के मल से फैलता है।
- हिस्टोप्लाज्मोसिस: यह एक फंगल संक्रमण है, जो कबूतर के मल में मौजूद धूल के संपर्क से फैल सकता है।
- सिटाकोसिस: एक श्वसन संक्रमण जो कबूतरों के मल और उनके द्वारा फैलाए गए तत्वों से होता है।
कबूतर के बीट से बचने के उपाय
- दाना डालने से पहले मास्क पहनें: अगर आप कबूतरों को दाना डालते हैं, तो मास्क जरूर पहनें और जहां तक संभव हो, घर के बाहर ही इसे करें।
- घर की बालकनी को सुरक्षित करें: जहां कबूतर घर में प्रवेश करते हैं, वहां जालियां या नेट लगवाएं।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें: कबूतर की बीट को साफ करते वक्त दस्ताने और मास्क पहनें। बीट को हमेशा सुरक्षित स्थान पर फेंकें और सफाई के दौरान सतर्क रहें।