दिल्ली, दि,२२गुजरात शैक्षिक सांस्कृतिक मंच हर छह महीने में एक शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन करता है। इस वर्ष यह आयोजन राज्य की सीमा पार कर रविवार, 21 सितंबर को देश की राजधानी दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।इस कार्यक्रम में मंच के संयोजक एवं समन्वयक श्री तखुभाई सांडसूर ने कहा कि हमारी नागरिक शिक्षा की संरचना में ऐतिहासिक अभिलेखों का बहुत महत्व है और आज इनके प्रत्यक्ष रूप से सामने आने से सभी को बहुत कुछ प्राप्त हुआ है। इन्हें हमारी शिक्षा प्रणाली में कैसे शामिल किया जाए, इसमें इस संगोष्ठी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हम प्रत्यक्ष बैठकों और ज्ञान संवर्धन में भी अग्रणी रहे। समापन सत्र की अध्यक्षता कर रहे राजनीति के विद्वान और ‘राजनीति की पाठशाला’ के संस्थापक डॉ. अजय पांडेजी ने कहा कि गुजरात देश की राजनीति में विकास का इंजन रहा है। गांधी से मोदी तक का यह सफर देश के लिए प्रेरणादायी है। एक शिक्षक के रूप में, नागरिक निर्माण में आपकी भूमिका लोकतंत्र के सभी स्तंभों से भी अधिक महत्वपूर्ण है। हम देश में ऐसे अभियानों का स्वागत करते हैं। उन्होंने अपने स्वयं के घटनापूर्ण करियर का भी उल्लेख किया और सभी को प्रेरक बनने की शक्ति प्रदान की।गुजरात शैक्षिक सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित बच्चों के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले 41 अभ्यर्थियों को ‘बालसाथी’ के नाम से सम्मानित किया गया।

इन सभी को डॉ. अजय पांडेजी के हाथों यह सम्मान प्रदान किया गया।श्री संजयभाई पटेल, जीतूभाई जोशी, श्यामजीभाई देसाई, भगवत दान गढ़वी, डॉ. प्रदीपसिंह सिंधा, परेशभाई हिरानी, दीप्तिबेन जोशी आदि पूरे कार्यक्रम की योजना बनाने में शामिल थे। श्री जीतूभाई जोशी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। गुजरात और 15 जिलों के शिक्षक उपस्थित थे। दिल्ली गुजराती समुदाय ने पूरी योजना में बहुत सहयोग दिया। पिछले चार वर्षों से चल रहा यह अभियान अब शिक्षा में कार्यात्मक प्रभाव पैदा कर रहा है।