इंदौर, 9 दिसंबर 2024 – इंदौर क्राइम ब्रांच ने फर्जी डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ऑनलाइन ठगी करने वाले एक गैंग के 4 आरोपियों को सूरत (गुजरात) और मैहर (मध्यप्रदेश) से गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने एक महिला से 1.60 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी की थी।
पुलिस के अनुसार, आरोपी स्वयं को पुलिस, CBI, और RBI अधिकारी बताकर पीड़ित महिला को डराते-धमकाते हुए पैसे ट्रांसफर करवा लेते थे। यह गैंग बैंक खातों और कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर ठगी को अंजाम देता था। ठगों द्वारा भेजे गए दस्तावेजों में पुलिस केस में फंसाने की धमकी दी जाती थी, जिससे पीड़ित महिला डरकर पैसे ट्रांसफर करती थी।
शिकायत की शुरुआत:
महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि 9 नवंबर 2024 को उसे एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें विनोय सिंह नामक व्यक्ति ने खुद को RBI अधिकारी बताया। उसने महिला को यह झूठा आरोप लगाया कि उसके नाम से दिल्ली में मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है और उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसके बाद, उसे वीडियो कॉल द्वारा CBI के अधिकारी आकाश कुल्हाड़ी से बात करवाई गई और महिला को डराकर SKYPE ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया।
महिला से उसके बैंक खाते, संपत्ति, और अन्य निजी जानकारी के बारे में पूछा गया। आरोपी लगातार उसे डराते रहे कि अगर उसने सहयोग नहीं किया, तो उसे जेल भेज दिया जाएगा और जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बाद, पीड़िता ने कई बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए, जो कि कुल 1.60 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
आरोपी की गिरफ्तारी:
क्राइम ब्रांच इंदौर ने तकनीकी जानकारी के आधार पर सूरत (गुजरात) और मैहर (मध्यप्रदेश) से चार आरोपियों – प्रतीक जरीवाला (24), अभिषेक जरीवाला (25), चंद्रभान बंसल (57), और राकेश कुमार बंसल (32) – को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि उन्होंने स्वयं के बैंक खातों को कमीशन पर उपलब्ध कराया था और गैंग के अन्य सदस्य फर्जी दस्तावेजों के जरिए ठगी करते थे।
जांच और कार्रवाई:
आरोपियों का पुलिस रिमांड प्राप्त कर विस्तृत पूछताछ की जा रही है, ताकि गैंग के अन्य सदस्यों और उनके द्वारा किए गए अन्य अपराधों की जानकारी प्राप्त की जा सके। क्राइम ब्रांच इंदौर की टीम ने इस मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए सैकड़ों बैंक खातों को फ्रीज किया है, जिनमें करोड़ों रुपये के ट्रांजैक्शन किए गए थे।
साइबर सुरक्षा जागरूकता:
इंदौर पुलिस ने इस घटना से सबक लेते हुए आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात कॉल या संदेश पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और किसी भी संदिग्ध एप्लीकेशन को डाउनलोड करने से बचें। यदि किसी सरकारी अधिकारी का कॉल आता है, तो उसका सत्यापन करने के लिए संबंधित विभाग के आधिकारिक नंबर पर संपर्क करें।
राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन: 1930
इंदौर पुलिस साइबर हेल्पलाइन: 7049124445