मध्यप्रदेश में नशा विरोधी मुहिम “नशे से दूरी है जरूरी” को इंदौर पुलिस कमिश्नरेट ने वर्ल्ड रिकॉर्ड तक पहुंचा दिया है। 28 जुलाई को शहर के स्कूल, कॉलेज, संस्थान, पुलिसकर्मी और ऑफिस स्टाफ समेत 85003 लोगों ने ज़ूम मीटिंग के जरिए नशामुक्ति और जागरूकता की ई-शपथ लेकर समाज में नशा-मुक्त वातावरण के निर्माण का ऐतिहासिक संदेश दिया।
यह कार्यक्रम पुलिस आयुक्त कार्यालय, पलासिया से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हुआ, जिसमें 168 से अधिक संस्थानों के स्टूडेंट्स, पुलिस स्टाफ और नागरिक जुड़े। पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने सभी को ई-शपथ दिलाई, जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग, स्टूडेंट्स, प्रोफेसनल्स और अधिकारी शामिल रहे। इस मौके पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम ने भी विशेष उपस्थिति दर्ज की, और रिकॉर्ड की पुष्टि जल्द करने का भरोसा दिया। यह उपलब्धि इंदौर की नशा-रोधी यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ती है।
एक साथ ली गई ई-शपथ का शहरभर में गूंजा संदेश
पूरे इंदौर शहर के स्कूल-कॉलेज और संस्थान, पुलिस लाइन, थाने, विभिन्न सरकारी और प्राइवेट ऑफिस के स्टाफ सहित हजारों लोगों ने ज़ूम मीटिंग के जरिए नशा छोड़े रखने की ऑनलाइन शपथ ली। यह सब पहली बार किसी भारतीय शहर में एक साथ हुआ, जिससे समाज में बड़ा असर दिखा। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स टीम की मौजूदगी में इतनी बड़ी संख्या में एक साथ ई-शपथ लेना एक मिसाल बन गया। इससे युवाओं, अभिभावकों, ऑफिस स्टाफ और पुलिस बल में जबरदस्त मोटिवेशन देखने को मिला है।
इस आयोजन के जरिए इंदौर ने देशभर को यह संदेश दिया कि समाज का हर वर्ग मिलकर नशा जैसी सामाजिक बीमारी को हराने के लिए तैयार है।
प्रबंधन, तकनीक और टीम वर्क से बना संभव
इस रिकॉर्ड को सफल बनाने के लिए पुलिस और संस्थानों की टीम ने व्यापक प्लानिंग और तकनीकी प्रबंधन किया। ज़ूम जैसी डिजिटल तकनीक के माध्यम से अलग-अलग जगहों के लोग सिंगल प्लेटफॉर्म पर जुड़ गए। पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और स्टूडेंट्स के साथ-साथ संस्थानों के लीडर्स ने भी सक्रिय भागीदारी दिखाई। वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ऑब्जर्वर मौजूद रहीं और इवेंट की व्यवस्थाओं की सराहना की।
पुलिस कमिश्नर ने इस उपलब्धि के लिए सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए आगे भी इसी तरह सहयोग की अपील की है, जिससे शहर को नशा-प्रवृत्ति से और भी मजबूत तरीके से दूर रखा जा सके।