इंदौर पुलिस के “नशे से दूरी है जरूरी” अभियान ने 24 जुलाई को अपने दसवें दिन पर नगर रक्षा समिति के सदस्यों को जोड़कर नशामुक्त समाज की दिशा में एक और ठोस कदम बढ़ाया। सभी ने एकजुट होकर नशा छोड़ने और इसके खिलाफ लोगों को जागरूक करने की शपथ ली।
थाना मल्हारगंज, कमिश्नरेट इंदौर द्वारा संचालित “नशे के विरुद्ध जन-जागरूकता अभियान” का दसवाँ दिन भी प्रभावी और प्रेरणादायक रहा। कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ नशे के दुष्परिणामों की जानकारी देना नहीं था, बल्कि लोगों को भावनात्मक रूप से इस लड़ाई से जोड़ना भी था। इसी के तहत नगर रक्षा समिति के सदस्यों ने सामूहिक रूप से नशा मुक्ति की शपथ ली, और यह संकल्प लिया कि वे अपने परिवार, मोहल्ले और समाज को भी नशे से दूर रखने के लिए प्रेरित करेंगे।
नगर रक्षा समिति की भागीदारी से जागरूकता को मिली नई दिशा
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसमें सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि असल संकल्प नजर आया। नगर रक्षा समिति के सदस्यों ने न केवल शपथ ली, बल्कि आपस में विचार-विमर्श कर यह तय किया कि वे नियमित रूप से अपने क्षेत्रों में युवाओं और नागरिकों से संवाद करेंगे।
इस पहल ने यह स्पष्ट किया कि नशे से लड़ाई सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर जागरूक नागरिक की भी है। समिति के सदस्य अब अभियान के एक्टिव प्रचारक के रूप में कार्य करेंगे, स्कूलों, गली-मोहल्लों और सार्वजनिक स्थानों पर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। यह सामुदायिक जुड़ाव किसी भी सरकारी पहल को वास्तविक जनांदोलन में बदलने की दिशा में अहम कदम है।
समाज में सकारात्मक बदलाव की ओर एक और कदम
“नशे के विरुद्ध जन-जागरूकता अभियान” सिर्फ एक सीजनल मुहिम नहीं, बल्कि एक सोच है जो समाज के हर कोने में बदलाव ला रही है। 10वें दिन की यह पहल इस बात का उदाहरण है कि जब आम लोग भी आगे आते हैं, तो बदलाव की गति तेज होती है।
इंदौर पुलिस की यह योजना सिर्फ संदेश देने तक सीमित नहीं है, बल्कि सक्रिय भागीदारी और ज़मीन पर उतरकर काम करने की दिशा में लगातार बढ़ रही है। नगर रक्षा समिति की भागीदारी ने अभियान को स्थायित्व और गहराई दी है।