भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में मध्यप्रदेश पुलिस की नई आपातकालीन सेवा डायल-112 का शुभारंभ किया। उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर डॉयल 112 वाहन का लोकार्पण किया और जिलों में भेजे जाने वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नई पहल पुलिस की तत्परता को बढ़ाएगी और प्रदेशवासियों के लिए पुलिस की ओर से त्वरित प्रतिक्रिया और सहायता का वादा साबित होगी।
इस नई सेवा के लिए 1500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 1200 एफआरवी (फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल) गाड़ियां खरीदी गई हैं, जिनमें स्कॉर्पियो और बोलेरो जैसी गाड़ियां शामिल हैं। इन वाहनों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का यह दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप पुलिस विभाग ने इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर 112 की शुरुआत की है, जिसे डायल करने पर नागरिकों को हर तरह की सहायता प्राप्त होगी।
मध्यप्रदेश पुलिस की उपलब्धियां और नई पहल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश पुलिस की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि डायल-100 ने अपनी सजगता और दक्षता से 2 लाख 23 हजार बुजुर्गों, 19 लाख से अधिक महिलाओं और 1300 नवजातों की सुरक्षा सुनिश्चित की है, साथ ही 23 हजार गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार से मिलाया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के डायल-100 मॉडल को उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों ने भी अपनाया है।
पुलिस को मिली खुली छूट: मुख्यमंत्री ने बताया कि अवैध और गैर-कानूनी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई के लिए पुलिस को राज्य सरकार की ओर से पूरी छूट मिली हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में नई नियुक्तियां की गई हैं और जवानों को आधुनिक प्रशिक्षण देकर उनकी दक्षता को बढ़ाया जा रहा है।
तकनीक से लैस पुलिस: मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि मध्यप्रदेश पुलिस तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। पुलिस अब वीडियो कॉल और इंटरनेट के माध्यम से आरोपियों को ई-समन भेज रही है, और इस प्रक्रिया में प्रदेश देश में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की बेहतर निगरानी के लिए सार्वजनिक स्थलों पर लगे कैमरों को एकीकृत कर एक अधिक सजग व्यवस्था विकसित करने पर भी विचार किया जा रहा है।
कोविड और विभाजन की विभीषिका का स्मरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर नागरिकों की सेवा करने वाले पुलिसकर्मियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पुलिस जवानों और अधिकारियों ने कई चुनौतीपूर्ण अवसरों पर विश्वास कायम रखा है।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि यह दिन इतिहास की एक भीषण त्रासदी थी, और तत्कालीन समय में हमारी पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों ने हरसंभव जिम्मेदारी का निर्वहन किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि भारत आज मजबूत सेना के बल पर दुश्मन देशों के अंदर घुसकर मारने में सक्षम है।
इस कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, महापौर भोपाल श्रीमती मालती राय, पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

