भारत सरकार ने साइबर क्राइम को रोकने के लिए एक और बड़ी कार्रवाई की है, जिसके तहत 80 लाख सिम कार्ड्स और 6.78 लाख मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कर दिया गया है। ये सिम कार्ड्स और नंबर फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर जारी किए गए थे, और इनका इस्तेमाल साइबर क्राइम में हो रहा था। इस कार्रवाई के तहत दूरसंचार विभाग ने नए AI टूल का इस्तेमाल किया, जिससे इन फर्जी नंबरों की पहचान की जा सकी और उन्हें ब्लॉक किया गया।
साइबर क्राइम में बढ़ी है सरकार की सख्ती
सरकार ने साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 78.33 लाख मोबाइल नंबरों को ब्लॉक किया है, जिनमें से ये सभी फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर जारी किए गए थे। दूरसंचार विभाग ने इस ब्लॉकिंग प्रक्रिया में AI तकनीक का इस्तेमाल किया है, जिससे साइबर अपराधियों पर कड़ी नकेल कसने में मदद मिल रही है। इसके साथ ही 6.78 लाख मोबाइल नंबर भी साइबर क्राइम में लिप्त होने के कारण बंद किए गए हैं।
साइबर क्राइम हेल्पलाइन और नई पॉलिसी
केन्द्रीय संचार मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बाबत कहा कि गृह मंत्रालय के साथ मिलकर दूरसंचार विभाग ने एक साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है, जिस पर की गई शिकायतों के आधार पर 10 लाख लोगों के 3.5 हजार करोड़ रुपये बचाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, दूरसंचार नियामक TRAI ने साइबर क्राइम और फर्जी कॉल्स और मैसेज के खिलाफ एक नई पॉलिसी लागू की है, जो 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी है।
TRAI की नई गाइडलाइंस
TRAI ने फर्जी कॉल्स और मैसेज को रोकने के लिए सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं। अब, फर्जी कॉल्स और मैसेज को नेटवर्क स्तर पर ही ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके अलावा, मैसेज ट्रेसिबिलिटी का नियम भी 11 दिसंबर 2024 से लागू हो गया है, जिससे टेलीकॉम ऑपरेटर्स किसी भी मैसेज के ऑरिजिनेट होने वाले नंबर से लेकर उसकी पूरी चेन को ट्रैक कर सकेंगे।
सायबर सुरक्षा के लिए सरकार की ठोस कदम
पिछले कुछ महीनों में, सरकार ने कई अंतरराष्ट्रीय वाट्सऐप नंबरों को भी ब्लॉक किया है, जो वित्तीय धोखाधड़ी और डिजिटल अपराधों के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। इस कदम के बाद, सरकार ने नागरिकों को साइबर अपराध से सुरक्षित रखने के लिए और सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
निष्कर्ष:
यह कदम सरकार की साइबर क्राइम के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई का हिस्सा है। इससे न केवल फर्जी कॉल्स और धोखाधड़ी में कमी आएगी, बल्कि नागरिकों को साइबर अपराध से बचाने के लिए सुरक्षा भी मजबूत होगी। दूरसंचार विभाग की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है जो साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।