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Saturday, July 5, 2025
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वाहन चलाते समय “विजडम” के सही इस्तेमाल से ही बचेंगे अनमोल जीवन – श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी में “फ्रॉम ह्वील टू विजडम” रोड सेफ्टी सेमीनार का आयोजन नुक्कड़ नाटक, यातायात फिल्म, प्रजेंटेशन के माध्यम से सड़क सुरक्षा को जाना

इंदौर – जब हम किसी व्हीकल पर होते हैं, तो अक्सर ओवरस्पीडिंग को एंजॉय करने लगते हैं और यही ओवरस्पीडिंग सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण बन गई है। इसके सबसे अधिक संख्या में शिकार 18 से 45 आयु वर्ग के वाहन चालक होते हैं। इसलिए अगर आपको अपनी और दूसरों की जिंदगियों की जरा भी फिक्र है तो ओवरस्पीडिंग बिल्कुल न करें और हमेशा ये सूत्र याद रखें कि अगर आप ह्वील अर्थात वेहिकल पर हैं तो उस समय आपको अपनी विजडम की, अपनी समझ को बहुत अच्छी तरह इस्तेमाल करते रहने की जरूरत सबसे ज्यादा है।

ये बातें श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी में आयोजित रोड सेफ्टी सेमीनार में वक्ताओं ने स्टूडेंट्स को अलग-अलग तरीके से हुए बार-बार समझाई। इसके लिए कभी लघु नाटिका का सहारा लिया तो कभी लघु फिल्म का। सेफ ड्राइविंग की समझाइश देते पोस्टर भी रिलीज किए गए और एक्सपर्ट्स ने अपने विचार भी शेयर किए। “फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी” विभाग द्वारा “इमरजेंसी मेडिसिन” विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डीसीपी, यातायात प्रबंधन श्री अरविंद तिवारी ने बताया कि ट्रैफिक मुख्य रूप से तीन ई (इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन) द्वारा नियंत्रित होता है, यदि हमें सुगम, सुरक्षित यातायात व्यवस्था बनाना है तो सभी स्तर पर प्रभावी कार्य करना होता है। यदि नागरिक यातायात नियमो का जिम्मेदारीपूर्वक पालन करेंगे तो सड़क दुर्घटनाओ में भी कमी आएगी और यातायात भी सुगम होगा।तो विशिष्ट अतिथि डीसीपी (जोन-3) डॉ. हंसराज सिंह ने कहा कि सड़क पर चलते हुए हम थोड़ी सी अतिरिक्त सावधानी रखकर दुर्घटनाओं से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए हमें अपने भीतर के एनिमल इन्स्टिंक्ट पर काबू रखना सीखना होगा।

● सबसे सेफ डिवाइस, रिस्पांसिल ड्राइवर
कुलपति डॉ. ज्योति बिंदल ने कहा कि रिस्पांसिल ड्राइवर, किसी भी वेहिकल का सबसे सेफ डिवाइस होता है। सड़कों पर हर साल होने वाली लाखों मौतों को रोकने के लिए हमें सड़क पर चलते हुए पूरे अनुशासन के साथ ट्रैफिक नियमों का पालन करना ही होगा। इस अवसर पर डीन (स्टूडेंट्स वेलफेयर) डॉ. जयश्री तापड़िया, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. प्रवीण अरोरा, डॉ. विशाल बी. सुरवडे, डॉ. महिमा नलवाया, एसीपी यातायात श्री सुदेश सिंह व एसीपी सुश्री रेखा सिंह परिहार ने भी संबोधित किया। आभार डेंटल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. कांतेश्वरी आईके ने माना। स्टूडेंट्स को रोड सेफ्टी नियमों के बारे में जागरुक करने के उद्देश्य से आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. आर.आर. वावरे, डॉ. संजय दीक्षित और लॉ कॉलेज डायरेक्टर डॉ. राजीव जैन समेत अनेक गणमान्य जन, डॉक्टर्स, फैकल्टीज और बड़ी संख्या स्टूडेंट्स उपस्थित थे। ● वाहन चलाते समय “विजडम” के सही इस्तेमाल से ही बचेंगे अनमोल जीवन
●- श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी में “फ्रॉम ह्वील टू विजडम” रोड सेफ्टी सेमीनार का आयोजन
●नुक्कड़ नाटक, यातायात फिल्म, प्रजेंटेशन के माध्यम से सड़क सुरक्षा को जाना

इंदौर। जब हम किसी वेहिकल पर होते हैं, तो अक्सर ओवरस्पीडिंग को एंजॉय करने लगते हैं और यही ओवरस्पीडिंग सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण बन गई है। इसके सबसे अधिक संख्या में शिकार 18 से 45 आयु वर्ग के वाहन चालक होते हैं। इसलिए अगर आपको अपनी और दूसरों की जिंदगियों की जरा भी फिक्र है तो ओवरस्पीडिंग बिल्कुल न करें और हमेशा ये सूत्र याद रखें कि अगर आप ह्वील अर्थात वेहिकल पर हैं तो उस समय आपको अपनी विजडम की, अपनी समझ को बहुत अच्छी तरह इस्तेमाल करते रहने की जरूरत सबसे ज्यादा है।

ये बातें श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी में आयोजित रोड सेफ्टी सेमीनार में वक्ताओं ने स्टूडेंट्स को अलग-अलग तरीके से हुए बार-बार समझाई। इसके लिए कभी लघु नाटिका का सहारा लिया तो कभी लघु फिल्म का। सेफ ड्राइविंग की समझाइश देते पोस्टर भी रिलीज किए गए और एक्सपर्ट्स ने अपने विचार भी शेयर किए। “फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी” विभाग द्वारा “इमरजेंसी मेडिसिन” विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डीसीपी, यातायात प्रबंधन श्री अरविंद तिवारी ने बताया कि ट्रैफिक मुख्य रूप से तीन ई (इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन) द्वारा नियंत्रित होता है, यदि हमें सुगम, सुरक्षित यातायात व्यवस्था बनाना है तो सभी स्तर पर प्रभावी कार्य करना होता है। यदि नागरिक यातायात नियमो का जिम्मेदारीपूर्वक पालन करेंगे तो सड़क दुर्घटनाओ में भी कमी आएगी और यातायात भी सुगम होगा।तो विशिष्ट अतिथि डीसीपी (जोन-3) डॉ. हंसराज सिंह ने कहा कि सड़क पर चलते हुए हम थोड़ी सी अतिरिक्त सावधानी रखकर दुर्घटनाओं से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए हमें अपने भीतर के एनिमल इन्स्टिंक्ट पर काबू रखना सीखना होगा।

● सबसे सेफ डिवाइस, रिस्पांसिल ड्राइवर
कुलपति डॉ. ज्योति बिंदल ने कहा कि रिस्पांसिल ड्राइवर, किसी भी वेहिकल का सबसे सेफ डिवाइस होता है। सड़कों पर हर साल होने वाली लाखों मौतों को रोकने के लिए हमें सड़क पर चलते हुए पूरे अनुशासन के साथ ट्रैफिक नियमों का पालन करना ही होगा। इस अवसर पर डीन (स्टूडेंट्स वेलफेयर) डॉ. जयश्री तापड़िया, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. प्रवीण अरोरा, डॉ. विशाल बी. सुरवडे, डॉ. महिमा नलवाया, एसीपी यातायात श्री सुदेश सिंह व एसीपी सुश्री रेखा सिंह परिहार ने भी संबोधित किया। आभार डेंटल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. कांतेश्वरी आईके ने माना। स्टूडेंट्स को रोड सेफ्टी नियमों के बारे में जागरुक करने के उद्देश्य से आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. आर.आर. वावरे, डॉ. संजय दीक्षित और लॉ कॉलेज डायरेक्टर डॉ. राजीव जैन समेत अनेक गणमान्य जन, डॉक्टर्स, फैकल्टीज और बड़ी संख्या स्टूडेंट्स उपस्थित थे।

● वाहन चलाते समय “विजडम” के सही इस्तेमाल से ही बचेंगे अनमोल जीवन●- श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी में “फ्रॉम ह्वील टू विजडम” रोड सेफ्टी सेमीनार का आयोजन●नुक्कड़ नाटक, यातायात फिल्म, प्रजेंटेशन के माध्यम से सड़क सुरक्षा को जाना*इंदौर*। जब हम किसी वेहिकल पर होते हैं, तो अक्सर ओवरस्पीडिंग को एंजॉय करने लगते हैं और यही ओवरस्पीडिंग सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण बन गई है। इसके सबसे अधिक संख्या में शिकार 18 से 45 आयु वर्ग के वाहन चालक होते हैं। इसलिए अगर आपको अपनी और दूसरों की जिंदगियों की जरा भी फिक्र है तो ओवरस्पीडिंग बिल्कुल न करें और हमेशा ये सूत्र याद रखें कि अगर आप ह्वील अर्थात वेहिकल पर हैं तो उस समय आपको अपनी विजडम की, अपनी समझ को बहुत अच्छी तरह इस्तेमाल करते रहने की जरूरत सबसे ज्यादा है। ये बातें श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी में आयोजित रोड सेफ्टी सेमीनार में वक्ताओं ने स्टूडेंट्स को अलग-अलग तरीके से हुए बार-बार समझाई। इसके लिए कभी लघु नाटिका का सहारा लिया तो कभी लघु फिल्म का। सेफ ड्राइविंग की समझाइश देते पोस्टर भी रिलीज किए गए और एक्सपर्ट्स ने अपने विचार भी शेयर किए। “फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी” विभाग द्वारा “इमरजेंसी मेडिसिन” विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डीसीपी, यातायात प्रबंधन श्री अरविंद तिवारी ने बताया कि ट्रैफिक मुख्य रूप से तीन ई (इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन) द्वारा नियंत्रित होता है, यदि हमें सुगम, सुरक्षित यातायात व्यवस्था बनाना है तो सभी स्तर पर प्रभावी कार्य करना होता है। यदि नागरिक यातायात नियमो का जिम्मेदारीपूर्वक पालन करेंगे तो सड़क दुर्घटनाओ में भी कमी आएगी और यातायात भी सुगम होगा।तो विशिष्ट अतिथि डीसीपी (जोन-3) डॉ. हंसराज सिंह ने कहा कि सड़क पर चलते हुए हम थोड़ी सी अतिरिक्त सावधानी रखकर दुर्घटनाओं से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए हमें अपने भीतर के एनिमल इन्स्टिंक्ट पर काबू रखना सीखना होगा। ● सबसे सेफ डिवाइस, रिस्पांसिल ड्राइवरकुलपति डॉ. ज्योति बिंदल ने कहा कि रिस्पांसिल ड्राइवर, किसी भी वेहिकल का सबसे सेफ डिवाइस होता है। सड़कों पर हर साल होने वाली लाखों मौतों को रोकने के लिए हमें सड़क पर चलते हुए पूरे अनुशासन के साथ ट्रैफिक नियमों का पालन करना ही होगा। इस अवसर पर डीन (स्टूडेंट्स वेलफेयर) डॉ. जयश्री तापड़िया, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. प्रवीण अरोरा, डॉ. विशाल बी. सुरवडे, डॉ. महिमा नलवाया, एसीपी यातायात श्री सुदेश सिंह व एसीपी सुश्री रेखा सिंह परिहार ने भी संबोधित किया। आभार डेंटल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. कांतेश्वरी आईके ने माना। स्टूडेंट्स को रोड सेफ्टी नियमों के बारे में जागरुक करने के उद्देश्य से आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. आर.आर. वावरे, डॉ. संजय दीक्षित और लॉ कॉलेज डायरेक्टर डॉ. राजीव जैन समेत अनेक गणमान्य जन, डॉक्टर्स, फैकल्टीज और बड़ी संख्या स्टूडेंट्स उपस्थित थे। ● वाहन चलाते समय “विजडम” के सही इस्तेमाल से ही बचेंगे अनमोल जीवन●- श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी में “फ्रॉम ह्वील टू विजडम” रोड सेफ्टी सेमीनार का आयोजन●नुक्कड़ नाटक, यातायात फिल्म, प्रजेंटेशन के माध्यम से सड़क सुरक्षा को जाना*इंदौर*। जब हम किसी वेहिकल पर होते हैं, तो अक्सर ओवरस्पीडिंग को एंजॉय करने लगते हैं और यही ओवरस्पीडिंग सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण बन गई है। इसके सबसे अधिक संख्या में शिकार 18 से 45 आयु वर्ग के वाहन चालक होते हैं। इसलिए अगर आपको अपनी और दूसरों की जिंदगियों की जरा भी फिक्र है तो ओवरस्पीडिंग बिल्कुल न करें और हमेशा ये सूत्र याद रखें कि अगर आप ह्वील अर्थात वेहिकल पर हैं तो उस समय आपको अपनी विजडम की, अपनी समझ को बहुत अच्छी तरह इस्तेमाल करते रहने की जरूरत सबसे ज्यादा है। ये बातें श्री अरबिंदो यूनिवर्सिटी में आयोजित रोड सेफ्टी सेमीनार में वक्ताओं ने स्टूडेंट्स को अलग-अलग तरीके से हुए बार-बार समझाई। इसके लिए कभी लघु नाटिका का सहारा लिया तो कभी लघु फिल्म का। सेफ ड्राइविंग की समझाइश देते पोस्टर भी रिलीज किए गए और एक्सपर्ट्स ने अपने विचार भी शेयर किए। “फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी” विभाग द्वारा “इमरजेंसी मेडिसिन” विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डीसीपी, यातायात प्रबंधन श्री अरविंद तिवारी ने बताया कि ट्रैफिक मुख्य रूप से तीन ई (इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन) द्वारा नियंत्रित होता है, यदि हमें सुगम, सुरक्षित यातायात व्यवस्था बनाना है तो सभी स्तर पर प्रभावी कार्य करना होता है। यदि नागरिक यातायात नियमो का जिम्मेदारीपूर्वक पालन करेंगे तो सड़क दुर्घटनाओ में भी कमी आएगी और यातायात भी सुगम होगा।तो विशिष्ट अतिथि डीसीपी (जोन-3) डॉ. हंसराज सिंह ने कहा कि सड़क पर चलते हुए हम थोड़ी सी अतिरिक्त सावधानी रखकर दुर्घटनाओं से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए हमें अपने भीतर के एनिमल इन्स्टिंक्ट पर काबू रखना सीखना होगा। ● सबसे सेफ डिवाइस, रिस्पांसिल ड्राइवरकुलपति डॉ. ज्योति बिंदल ने कहा कि रिस्पांसिल ड्राइवर, किसी भी वेहिकल का सबसे सेफ डिवाइस होता है। सड़कों पर हर साल होने वाली लाखों मौतों को रोकने के लिए हमें सड़क पर चलते हुए पूरे अनुशासन के साथ ट्रैफिक नियमों का पालन करना ही होगा। इस अवसर पर डीन (स्टूडेंट्स वेलफेयर) डॉ. जयश्री तापड़िया, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. प्रवीण अरोरा, डॉ. विशाल बी. सुरवडे, डॉ. महिमा नलवाया, एसीपी यातायात श्री सुदेश सिंह व एसीपी सुश्री रेखा सिंह परिहार ने भी संबोधित किया। आभार डेंटल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. कांतेश्वरी आईके ने माना। स्टूडेंट्स को रोड सेफ्टी नियमों के बारे में जागरुक करने के उद्देश्य से आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. आर.आर. वावरे, डॉ. संजय दीक्षित और लॉ कॉलेज डायरेक्टर डॉ. राजीव जैन समेत अनेक गणमान्य जन, डॉक्टर्स, फैकल्टीज और बड़ी संख्या स्टूडेंट्स उपस्थित थे।

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