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हर्षा रिछारिया ने महाकुंभ छोड़ने का निर्णय लिया, संतों पर लगाया अपमान का आरोप

प्रयागराज, 17 जनवरी 2025: टीवी एंकर और अभिनेत्री हर्षा रिछारिया ने महाकुंभ छोड़ने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि उन्हें महाकुंभ में छोटे टेंट में बंद कर दिया गया, जहां संतों ने महिला होने के बावजूद उनका अपमान किया। हर्षा ने इस मुद्दे पर अपनी तीव्र प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह न कोई मॉडल हैं, न संत। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग उनका बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें पाप लगेगा।

हर्षा रिछारिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इस पूरी घटना का खुलासा किया और संतों पर आरोप लगाते हुए कहा, “मैं एक सामान्य एंकर और एक्ट्रेस हूं, और मुझे किसी संत या मॉडल के रूप में देखने की कोई आवश्यकता नहीं है। संतों ने महिला होने के बावजूद मुझे अपमानित किया। मैं इस व्यवहार को स्वीकार नहीं कर सकती।”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे छोटे टेंट में बंद कर दिया गया, जबकि इस महाकुंभ में मेरे लिए ठीक से रहने की व्यवस्था नहीं थी। अब मुझे इस महाकुंभ को छोड़ना पड़ रहा है, क्योंकि यह सब मेरे लिए असहनीय हो चुका है।”

हर्षा ने यह भी कहा कि जो लोग उनके खिलाफ झूठी अफवाहें फैला रहे हैं और उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा और उन पर पाप लगेगा।

महाकुंभ का महत्व और हर्षा की स्थिति

महाकुंभ हर 12 साल में एक बार प्रयागराज में आयोजित होता है और यह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालु और संत आते हैं। हर्षा रिछारिया का इस महाकुंभ में शामिल होना और फिर संतों से अपमानित होना, न केवल उनके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चिंता का विषय बन गया है।
इस घटना के बाद, हर्षा के समर्थक और समाज के अन्य वर्ग उनके साथ खड़े हो गए हैं। लोगों ने इस बात की निंदा की है कि महिला होने के बावजूद हर्षा के साथ ऐसा व्यवहार किया गया। वहीं, हर्षा के इस कदम को लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है।

आगे का कदम और प्रतिक्रिया

हर्षा रिछारिया ने महाकुंभ से अपनी वापसी के बाद यह साफ किया कि अब वह इस मामले को अदालत तक ले जाएंगी और अपने अपमान का न्याय प्राप्त करने के लिए लड़ाई लड़ेंगी। इसके अलावा, उन्होंने इस घटना को लेकर महिला अधिकारों की ओर ध्यान खींचने का भी प्रयास किया है।

हर्षा का कहना है कि वह किसी धार्मिक आयोजन में महिला के रूप में सम्मान की हकदार हैं और किसी भी तरह का अपमान सहन नहीं करेंगी।

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