मनसा देवी मंदिर, जो शिवालिक पहाड़ियों के ऊपर बिल्व पर्वत पर स्थित है, में रविवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। मंदिर के सीढ़ी मार्ग पर अचानक अफवाह के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 29 घायल हो गए। भीड़ की वजह से सीढ़ियों पर भगदड़ की स्थिति बन गई।
रविवार सुबह लगभग 9:15 बजे, सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर की 800 सीढ़ियां चढ़ते हुए दर्शन के लिए कतार में थे। एक चश्मदीद ने बताया कि ऊपर चढ़ाई करते वक्त जब कुछ ही सीढ़ियां बची थीं, तभी अचानक अफवाह फैली कि मंदिर के पास लगे तारों में करंट आ गया है। इस सूचना के बाद लोग घबरा गए और भीड़ में अचानक भागदौड़ मच गई। पुलिस प्रशासन के मुताबिक, करंट फैलने वाली बात सिर्फ अफवाह थी। हादसे में जिन लोग घायल हुए, उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जिसमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है। राहत-बचाव दल और प्रशासन की टीम मौके पर लगातार राहत कार्य में जुटी हुई है।
क्यों हुआ हादसा, प्रशासन और चश्मदीदों के बयान
घटना के बाद कई चश्मदीदों ने बताया कि तार छूने और उनमें करंट आने की वजह से भगदड़ फैली। हालांकि, प्रशासनिक जांच और बिजली विभाग ने साफ किया कि मंदिर परिसर में कहीं कोई करंट या तार टूटने जैसा हादसा नहीं मिला। गढ़वाल कमिश्नर और एसएसपी ने बताया कि अचानक भीड़ बढ़ने, अफवाह और घबराहट के कारण भगदड़ मची। पुलिस ने किसी बड़ी तकनीकी या इलेक्ट्रिकल खामी को फिलहाल सिरे से नकारा है। उच्चाधिकारियों के नेतृत्व में अब हादसे की मजिस्ट्रेटीय जांच जारी है। साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ काबू करने के लिए सुरक्षा इंतज़ामों का रिव्यू शुरू हो चुका है।
STORY | 6 dead, several injured in stampede at Haridwar’s Mansa Devi temple; magisterial probe ordered
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— Press Trust of India (@PTI_News) July 27, 2025
मंदिर के रास्ते, सावन की भीड़ और भविष्य के लिए कदम
मनसा देवी मंदिर हरिद्वार का सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जो हर की पौड़ी से 3 किमी और पहाड़ की चढ़ाई से सिर्फ 1.5 किमी दूर है। सावन के महीने में यहां अब तक सबसे अधिक भीड़ देखने को मिलती है। श्रद्धालु या तो पैदल 800 सीढ़ियां चढ़कर या फिर रोपवे के जरिए मंदिर पहुंचाते हैं। प्रशासन ने हादसे के बाद श्रद्धालुओं को संयम बरतने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए मुआवज़ा देने की घोषणा की है। भीड़-नियंत्रण के लिए नए इंतज़ामों और मंदिर मार्ग पर इलेक्ट्रिकल व सुरक्षा ऑडिट का निर्देश दिया गया है।