कनाडा, 8 जनवरी 2025: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद, प्रधानमंत्री पद के लिए भारतीय मूल के नेताओं का दबदबा बढ़ गया है। इस वक्त, ट्रूडो की सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर काबिज भारतीय मूल के अनीता आनंद, जॉर्ज चहल और सचित मेहरा प्रधानमंत्री पद की रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं। वहीं, क्रिस्टिया फ्रीलैंड भी इस पद के लिए मजबूत दावेदारों में शामिल हैं।
अनीता आनंद: तमिलनाडु और पंजाब से जुड़ी कनाडा की प्रमुख नेता
अनीता आनंद, जो वर्तमान में कनाडा की परिवहन मंत्री हैं, ट्रूडो सरकार में कोविड-19 महामारी के दौरान अपने बेहतरीन प्रबंधन के लिए काफी चर्चित हो चुकी हैं। उनका भारतीय मूल का संबंध तमिलनाडु और पंजाब से है। अनीता को राजनीति का गहरा अनुभव है और उनकी छवि भारतीय समुदाय में भी मजबूत है, जो उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार बनाता है।
जॉर्ज चहल: एक वकील और कम्युनिटी लीडर
भारतीय मूल के नेता जॉर्ज चहल भी पीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं। चहल, जो एक वकील और कैलगरी सिटी काउंसलर रहे हैं, अपनी भूमिका में कई महत्वपूर्ण समितियों का नेतृत्व कर चुके हैं। इसके अलावा, वह ट्रूडो सरकार की नीतियों के खिलाफ मुखर रूप से बोलते आए हैं, जिससे उनका नाम भी पीएम पद के लिए चर्चा में है।
क्रिस्टिया फ्रीलैंड: अंतरराष्ट्रीय अनुभव से सुसज्जित एक दावेदार
ट्रूडो सरकार में उप-प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री रही क्रिस्टिया फ्रीलैंड, अपनी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय और राजनीतिक समझ के कारण पीएम पद के मजबूत दावेदार के रूप में देखी जा रही हैं। उनके वैश्विक दृष्टिकोण और कुशल नेतृत्व ने उन्हें कैनेडियन राजनीति में एक शक्तिशाली स्थान दिलाया है।
सचित मेहरा: लिबरल पार्टी में नेतृत्व की जिम्मेदारी
कनाडा के अगले पीएम का चयन करने की जिम्मेदारी भारतीय मूल के सचित मेहरा को दी गई है। मेहरा, जो वर्तमान में लिबरल पार्टी के प्रेसिडेंट हैं, भारतीय समुदाय में एक महत्वपूर्ण बिजनेसमैन और कम्युनिटी लीडर माने जाते हैं। उन्होंने अपने परिवार के रेस्टोरेंट्स के व्यवसाय को संभालने के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक पहलुओं में भी सक्रिय भूमिका निभाई है।
ट्रूडो के इस्तीफे के कारण
जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जो उनके खिलाफ पार्टी के अंदर से उठ रहे विरोध और विवादों का परिणाम माना जा रहा है। उनके खिलाफ कैबिनेट के कई नेताओं ने आवाज उठाई, खासकर भारत के खिलाफ खालिस्तानी समर्थक बयानबाजी के चलते, जिससे भारत-कनाडा रिश्तों में खटास आ गई थी। इस स्थिति के कारण, अब नया नेतृत्व उभरने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
कनाडा के भविष्य के पीएम की तलाश
कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के लिए भारतीय मूल के नेताओं के सामने आने से यह स्पष्ट हो रहा है कि देश के भविष्य का नेतृत्व अब भारतीय समुदाय के पास हो सकता है। इन नेताओं के अनुभव, नेतृत्व क्षमता और कम्युनिटी के प्रति प्रतिबद्धता के कारण वे पीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं।