21.5 C
Indore
Wednesday, October 29, 2025
HomeMadhya PradeshIndoreइंदौर के बच्चों ने रंगोली और पेंटिंग से दिया नशे से दूर...

इंदौर के बच्चों ने रंगोली और पेंटिंग से दिया नशे से दूर रहने का ज़बरदस्त मैसेज, पुलिस की पहल को मिला जबरदस्त साथ

इंदौर में इन दिनों कुछ अलग ही माहौल है। पुलिस और स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स मिलकर एक खास मिशन पर जुटे हैं, नशे के खिलाफ आवाज़ उठाने का। जगह-जगह रंगोली, पोस्टर, स्लोगन और पेंटिंग के ज़रिए बच्चे नशे से बचने का सीधा और असरदार संदेश दे रहे हैं।

 

21 जुलाई को शहर के कई थानों की टीमों ने स्कूल-कॉलेज में जाकर नशा मुक्ति को लेकर बच्चों के साथ जागरूकता कार्यक्रम किए। इनमें पेंटिंग, रंगोली, स्लोगन और निबंध जैसी प्रतियोगिताएं करवाई गईं। बच्चों ने अपनी कला के ज़रिए बताया कि कैसे नशा ज़िंदगी को बर्बाद कर सकता है। “जीवन में भरो अच्छे रंग, नशा करके इसे मत करो बदरंग” जैसे लाइनें बच्चों की पोस्टर पर साफ दिखीं, जो सबको सोचने पर मजबूर कर रही थीं।

जब स्कूलों में गूंजा ‘NO DRUGS’ का पैगाम

इंदौर के कई स्कूलों जैसे श्री वैष्णव गर्ल्स स्कूल, सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी, शासकीय कन्या स्कूल, शिशुकुंज और मिश्रीलाल गंगवाल स्कूल में छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। बच्चों ने रंगों और शब्दों के ज़रिए वो बातें कही जो सीधी दिल तक जाती हैं।

कई जगहों पर पुलिस अफसरों ने खुद बच्चों से बात की, उन्हें नशे के नुकसान समझाए और हाथ उठवाकर शपथ भी दिलवाई, “न नशा करेंगे, न करने देंगे।” बच्चों की बनाई पेंटिंग्स और रंगोलियां सिर्फ एक आर्टवर्क नहीं थीं, वो एक सोच थी जो दिखा रही थी कि आज की पीढ़ी जागरूक है।

थानों की टीमों ने मोहल्लों तक पहुँचाया संदेश

पुलिस की टीम सिर्फ स्कूलों में ही नहीं रुकी, मोहल्लों और चौराहों पर भी शिविर लगाकर लोगों से बात की। परदेशीपुरा चौराहे और मल्हारगंज जैसे इलाकों में पुलिस ने आम लोगों को बताया कि नशा कैसे शरीर, दिमाग और परिवार
तीनों को खोखला कर देता है।

मेडिस्वायर कोचिंग, कारमेल कॉन्वेंट स्कूल, न्यू होराइजन स्कूल और सरकारी कन्या विद्यालय में बच्चों ने अपने आर्टवर्क से बताया कि साफ और अच्छा जीवन तभी संभव है जब नशा पास न आए। खास बात ये रही कि हर जगह बच्चों को छोटे-छोटे गिफ्ट और सर्टिफिकेट देकर उनका हौसला भी बढ़ाया गया।

सिर्फ बच्चों तक नहीं रुकी ये बात

अभियान में महिला कॉलेजों और कोचिंग क्लासेस को भी शामिल किया गया। महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज और निरंजनपुर के सरकारी स्कूल में छात्राओं को नशे के बारे में खुलकर बताया गया कि ये सिर्फ बुरी आदत नहीं, कई बार ज़िंदगी के रास्ते को ही बदल देता है।

इसी तरह शिशुकुंज स्कूल में करीब 1300 बच्चों को एक साथ जागरूक किया गया, जहाँ उन्होंने खुद से “NO DRUGS” का साइन बनाकर साफ कर दिया कि वो इस बुराई के खिलाफ खड़े हैं।

 

नशा सिर्फ बर्बादी लाता है, यही था बच्चों का सीधा मैसेज

इस पूरे अभियान का मकसद सिर्फ बातें करना नहीं था, बल्कि हर उम्र के लोगों तक वो बात पहुंचाना था जो कई बार अनदेखी रह जाती है। बच्चे आज समझ रहे हैं कि नशा सिर्फ उनके शरीर या दिमाग को नहीं, उनके पूरे भविष्य को नुकसान पहुंचा सकता है।

इसलिए जब वो खुद सामने आए, अपने पोस्टर और पेंटिंग्स के ज़रिए बोले तो बात सिर्फ दीवारों पर नहीं, लोगों के दिलों में उतर गई। पुलिस की इस कोशिश को बच्चों, टीचर्स और पैरेंट्स ने खुले दिल से सराहा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular