खरगोन। भावसार मोहल्ला स्थित अतिप्राचीन श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर (श्री सिद्धनाथ महादेव मंदिर के पीछे) का दो दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का शुक्रवार को पूर्णाहुति के पश्चात समापन हुआ। इसके बाद साबूदाना खिचड़ी एवं नुक्ती की प्रसादी का वितरण किया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद जैसे ही मंदिर के पट खुले, वैसे ही श्रद्धालुओं ने भोले शंभु-भोलेनाथ के जयकारे लगाए।

मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि यह मंदिर करीब 300 वर्ष पुराना है। मंदिर का मार्च 2025 में जीणोद्धार के लिए निर्माण कार्य प्रारंभ किया था, जो जून में बनकर पूर्ण हुआ है, जिसकी प्राण-प्रतिष्ठा गुप्त नवरात्रि की आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीय शुक्रवार को अभिजीत नक्षत्र में संपन्न हुई। आचार्य पंडित राजेंद्र पगारे के सानिध्य में श्रीकृष्ण भावसार एवं प्रवीण भावसार ने अपनी धर्मपत्नी के साथ पूजन विधि के लिए जोड़े से बैठे। प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में पहले दिन गुरुवार पंचकर्म, जलाधिवास, फुलाधिवास, धान्याधिवास, शयनधिवास होगा।
वही दूसरे दिन शुक्रवार पूर्णाहुति के साथ महाआरती के पश्चात समापन हुआ। इसके बाद साबूदाना खिचड़ी एवं नुक्ती की महाप्रसादी का वितरण किया। कार्यक्रम में पंडित राम तिवारी, रोहित जोशी व राहुल खोड़े द्वारा भी पूजन-अर्चन संपन्न कराई गई। पूर्णाहुति के बाद मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा मंदिर के शिखर पर नया शिखर कलश लगाया। आचार्य पंडित राजेंद्र पगारे ने बताया कि चैत्र, कुंवर, माघ और आषाढ़ चारो नवरात्रि में दुर्गा या दुर्गा पार्वती सहित पुत्रों का भी शास्त्र सम्मत के अनुसार प्राण-प्रतिष्ठा करने का विधान है। मंदिर जीणोद्धार में मंदिर समिति, मोहल्लेवासी सहित विभिन्न दानदाताओं का सराहनीय योगदान रहा।