खरगोन – जिले के कसरावद क्षेत्र ग्राम पंचायत बड़गांव में नर्मदा पट्टी में इन दोनों शासन की सरकारी बेंस कीमती जमीनों पर जेसीबी मशीन से अवैध उत्खनन कर हो रहा अतिक्रमण । पहले की जाती है खेती फिर तहसील से करवाया जाता है दंड और फिर इसके बाद होता है रेत का अवैध उत्खनन। ऐसा ही ग्राम पंचायत बड़गांव में करीब 300 एकड़ से भी अधिक सरकारी भूमि पर कब्जा किया गया है। किसी ने की खेती तो कोई कर रहा है रेत का अवैध उत्खनन शासन की बेस किमती भूमि से ग्रामीण कर रहे करोड़ों रुपए की कमाई । जबकि तहसील तरफ से हर ग्राम पंचायत क्षेत्र में पटवारी नियुक्त किया गया है। जिसके बाद भी ग्रामीण पटवारी से साठ गांठ कर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे। जैसे मानो की शासन प्रशासन की आंखों पर पट्टी बांधी गई है। पूर्व में भी कसरावद तहसील की ओर से ग्राम पंचायत बड़गांव के ग्रामीण पर शासन की शासकीय भूमि पर किए गए कब्जे को लेकर कार्यवाही की गई थी। लेकिन 8 से 10 माह बीत जाने के बाद भी जमीन अब तक अवैध कब्जा धारी से मुक्त नहीं हो पाई है। तहसीलदार द्वारा ग्रामीणों को दंडित कर छोड़ दिया गया था और जिसके उपरांत शासन जमीन को अब तक मुक्त नहीं करा पाई है।

जिसको लेकर ग्रामीणों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। और शासन की शासकीय भूमि पर कब्जा कर बन रहे भू माफिया इन ग्रामीण भू माफियाओं पर शासन प्रशासन की कोई कार्यवाही नहीं होने से वहां के ग्रामीणों के होसले हो रहे बुलंद और आए दिन हो रहा शासन की बेस कीमती भूमि पर अतिक्रमण । शासकीय भूमि के संबंध में तहसीलदार से फोन पर चर्चा की गई तो कसरावद तहसीलदार द्वारा बताया गया कि अभी पटवारी ग्राम पंचायत सायता में सीमांकन करने गए हैं जिसके बाद ग्राम पंचायत बड़गांव का भी मौका निरीक्षण किया और आप भी पटवारी से चर्चा कर लीजिए इसके बाद पटवारी से भी फोन पर चर्चा की गई। पटवारी द्वारा फोन पर लोकेशन जानकारी ली गई। और कहां गया कि अभी हम सायता पंचायत में सीमांकन कर रहे हैं। उसे हम बाद में देख लेंगे जबकि वह माफियाओं के द्वारा शासकीय भूमि पर जेसीबी मशीन के द्वारा जमीन का लेवल किया जा रहा था। पूर्व में भी भूमाफियाओं को तहसीलदार द्वारा नोटिस दिए गए गए थे। जिस पर दंड करने के बाद भी प्रशासन की बेस कीमती शासकीय भूमि सेआज तक कब्जाधारी भू माफियाओं का कब्जा नहीं हटा है। जिसके जवाब में ग्रामीणों ने नर्मदा किनारे सरकारी भूमि के बड़े हिस्से में अतिक्रमण बड़ी तेजी से कर रहे हैं। सरकारी भूमि पर ग्रामीणों की दबंगई है। सीमांकन के बाद भी ग्रामीणों का कब्जा नहीं कटवाया गया था। पूर्व में की गई कार्रवाई से राजस्व विभाग की गई लापरवाही से अब परेशानी बढ़ रही है।