इंदौर: बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने और लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, इंदौर पुलिस द्वारा लगातार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में, SAGE यूनिवर्सिटी के फोरेंसिक साइंस के करीब 75 छात्रों ने क्राइम ब्रांच इंदौर का दौरा किया और पुलिस की साइबर क्राइम कार्यप्रणाली को समझा।
कार्यक्रम का आयोजन रीगल चौराहा स्थित पुलिस कार्यालय के सभागृह में हुआ, जिसमें एडीशनल डीसीपी क्राइम, श्री राजेश दंडोतिया ने छात्रों को साइबर अपराधों के विभिन्न प्रकार और उनसे बचने के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों को पुलिस द्वारा प्राप्त साइबर अपराधों की शिकायतों की केस स्टडी के माध्यम से साइबर फ्रॉड, साइबर हेल्पलाइन, और पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

साइबर अपराधों से बचाव के लिए एडीशनल डीसीपी ने छात्रों से कहा कि हम दिन-प्रतिदिन नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, और इन वर्चुअल दुनिया में जरा सी गलती भी भारी पड़ सकती है। उन्होंने छात्रों को डिजिटल सिक्योरिटी के महत्व को समझाया और कहा कि अगर वे फोरेंसिक साइंस के छात्र हैं तो उन्हें साक्ष्य और डिजिटल जांच के महत्व को समझते हुए, दूसरों को इन साइबर खतरों से बचाने में मदद करनी चाहिए।
इस कार्यक्रम में छात्रों को बताया गया कि साइबर अपराध की शिकायतें साइबर हेल्पलाइन-1930 और इंदौर पुलिस साइबर हेल्पलाइन (7049124445) पर की जा सकती हैं। छात्रों को पुलिस द्वारा इस मामले में की जाने वाली कार्यवाही के बारे में प्रैक्टिकल ज्ञान प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम में छात्रों को सतर्क और जागरूक रहते हुए अपनी निजी जानकारी किसी से भी शेयर न करने की सलाह दी गई।