मुंबई, 21 दिसंबर 2024: मुंबई में 18 दिसंबर को हुए नाव हादसे में मृतकों की संख्या 15 हो गई है, जबकि 7 साल के बच्चे का शव शनिवार को बरामद किया गया। यह हादसा गेटवे ऑफ इंडिया से ऐलिफेंटा जाने वाली यात्री नाव और नेवी की स्पीड बोट के बीच टक्कर के कारण हुआ। हादसे में 113 लोग सवार थे, जिनमें से 98 को बचाया गया, लेकिन कई लोग अब भी लापता हैं।
सीआईएसएफ कॉन्स्टेबल का चौंकाने वाला खुलासा
इस हादसे के बाद रेस्क्यू टीम में शामिल एक CISF कॉन्स्टेबल ने बताया कि कुछ पैरेंट्स अपने बच्चों को समुद्र में फेंकने का प्रयास कर रहे थे। उन्हें डर था कि बोट डूबने वाली है और बच्चे इससे बचने के लिए समुद्र में फेंके गए ताकि मदद जल्दी पहुंचे। इस स्थिति ने यह साबित कर दिया कि हादसा कितना भयावह था।
हादसे की पूरी जानकारी
18 दिसंबर को दोपहर करीब 3:30 बजे, गेटवे ऑफ इंडिया से ऐलिफेंटा जा रही यात्री बोट को नेवी की स्पीड बोट ने टक्कर मार दी, जिससे बोट डूबने लगी। 90 यात्रियों की क्षमता वाली बोट में 113 लोग सवार थे, जिनमें से 98 को बचा लिया गया। वहीं, नेवी की बोट पर 6 लोग सवार थे, जिनमें से केवल 2 को बचाया जा सका।
चश्मदीदों के बयान
चश्मदीदों का कहना है कि नेवी की स्पीड बोट ने टक्कर से पहले स्टंट किया था और यह जिगजैग पैटर्न में चल रही थी। कई लोगों ने लाइफ जैकेट भी नहीं पहनी थी, जिससे बचाव में कठिनाई आई। एक टूरिस्ट बोट के ड्राइवर ने बताया कि हादसे के बाद वह सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और 16 लोगों को बचाया।
रेस्क्यू ऑपरेशन
मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, नौसेना, तटरक्षक बल और स्थानीय मछुआरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। नौसेना की 11 बोट, 4 हेलिकॉप्टर और अन्य एजेंसियों ने मिलकर 113 सवारियों को बचाया।
मृतकों के परिवार को राहत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवारों को ₹2 लाख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ₹5 लाख की सहायता राशि देने का ऐलान किया है।