प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में आस्था के साथ-साथ कई चौंकाने वाली घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं। इस बार महाकुंभ में एक 14 वर्षीय लड़की ने संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया है। यह लड़की, राखी सिंह धाकरे, आगरा की निवासी है और उसने नागा साधुओं के जीवन को देखकर संन्यास लेने का निर्णय लिया। राखी के इस कदम से उसका परिवार भी स्तब्ध है, खासकर उसके पिता दिनेश सिंह, जो पेठा कारोबारी हैं।
राखी का मानना है कि वह भगवान के रास्ते पर चलकर जीवन की सच्ची प्राप्ति करेगी। महाकुंभ में आने के बाद राखी ने संन्यास लेने का संकल्प लिया और अब वह 12 साल तक तप करने का निर्णय ले चुकी है। उसकी यह यात्रा धार्मिक आस्था और साधना की ओर एक बड़ा कदम मानी जा रही है। राखी का कहना है कि वह समाज के भले के लिए अपने जीवन को समर्पित करना चाहती है और इस निर्णय से उसके जीवन का उद्देश्य स्पष्ट हो गया है।
इस पर उसके पिता दिनेश सिंह ने कहा, “राखी को भगवा वस्त्र पहनते हुए देखकर मुझे रोना आ जाता है। यह मेरे लिए बहुत कठिन है, लेकिन मुझे विश्वास है कि वह जो भी कदम उठा रही है, वह सही है।” राखी के परिवार का कहना है कि उन्होंने हमेशा अपनी बेटी को स्वतंत्र रूप से जीवन के फैसले लेने की प्रेरणा दी है और इस बार भी वे उसका समर्थन कर रहे हैं, भले ही यह निर्णय उनके लिए भावनात्मक रूप से कठिन हो।
राखी ने महाकुंभ में अपने संन्यास की घोषणा करते हुए यह भी कहा कि वह पूरी तरह से आत्म-समर्पण के लिए तैयार हैं और इस दौरान उन्होंने ध्यान, साधना और तपस्या में अपने समय का समर्पण करने का संकल्प लिया है। वह यह मानती हैं कि साधना और तप से ही जीवन में सच्ची शांति और आत्मज्ञान की प्राप्ति हो सकती है।
राखी का यह निर्णय न केवल उनके परिवार के लिए एक भावनात्मक चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण संदेश है कि यदि किसी को सच्ची आस्था और तपस्या का मार्ग मिल जाए, तो वह अपने जीवन का उद्देश्य तलाश सकता है।